WhatsApp Image 2025 06 15 at 6.00.42 AM

SHREEJI DARSHAN & SHRINGAR/आषाढ़-कृष्ण पक्ष-चतुर्थी

जय श्री कृष्ण 🙏

व्रज – आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्थी
Sunday, 15 June 2025

अंगूरी मलमल पर लाल छापा का पिछोड़ा एवं श्रीमस्तक पर फेटा के साज का श्रृंगार

राजभोग दर्शन –

कीर्तन – (राग : सारंग)

गोविंद लाडिलो लडबौरा l
अपने रंग फिरत गोकुल में श्याम बरण जैसे भौंरा ll 1 ll
किंकणी कवणित चारू चल कुंडल तन चंदन की खौरा l
नृत्यत गावत वसन फिरावत हाथ फूलन के झोरा ll 2 ll
माथे कनक वरण को टिपारो ओढ़े पीत पिछोरा l
देखी स्वरुप ठगी व्रजवनिता जिय भावे नहीं औरा ll 3 ll
जाकी माया जगत भुलानो सकल देव सिरमौरा l
‘परमानंददास’ को ठाकुर संग ढीठौ ना गौरा ll 4 ll

साज – आज श्रीजी में अंगूरी मलमल पर लाल छापा की, रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफेद बिछावट की जाती है.

वस्त्र – आज श्रीजी को अंगूरी मलमल पर लाल छापा का रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित पिछोड़ा धराया जाता है.

श्रृंगार – आज प्रभु को वनमाला का (चरणारविन्द तक) ऊष्णकालीन हल्का श्रृंगार धराया जाता है. हीरा के सर्व आभरण धराये जाते हैं.श्रीमस्तक पर फेंटा का साज धराया जाता है. अंगूरी मलमल पर लाल छापा के फेंटा के ऊपर सिरपैंच, श्वेत रेशम की मोरशिखा, कतरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं.

श्रीकर्ण में मोती की लोलकबंदी-लड़वाले कर्णफूल धराये जाते हैं.तुलसी एवं श्वेत पुष्पों की दो सुन्दर कलात्मक मालाजी धरायी जाती हैं.

श्रीहस्त में तीन कमल की कमलछड़ी, सुवा के वेणुजी एवं दो वेत्रजी धराये जाते हैं.पट ऊष्णकाल का एवं गोटी बाघ बकरी की आती है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart